EB-5 वीज़ा देरी का भारतीय ग्रीन कार्ड आवेदकों पर असर

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क्या आप अमेरिका में स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) पाने का सपना देख रहे हैं? यदि हां, तो यह जानना जरूरी है कि EB-5 वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों को अब और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए नए बुलेटिन के मुताबिक, भारतीय आवेदकों के लिए EB-5 वीज़ा प्रक्रिया में देरी होने वाली है।

तो चलिए, हम विस्तार से समझते हैं कि आखिर यह देरी क्यों हो रही है और इसका असर भारतीय आवेदकों पर कैसा पड़ेगा।

EB-5 वीज़ा क्या है?

अगर आप अमेरिका में निवेश करके ग्रीन कार्ड प्राप्त करना चाहते हैं, तो EB-5 वीज़ा आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। इस वीज़ा के तहत, विदेशी निवेशकों को कम से कम $800,000 (लगभग 6.5 करोड़ रुपये) किसी योग्य अमेरिकी व्यवसाय में निवेश करना होता है।

इस वीज़ा के अंतर्गत निवेश करने के बाद, आवेदन करने वाले व्यक्ति, उनके जीवनसाथी और 21 वर्ष से कम उम्र के अविवाहित बच्चों को अमेरिकी ग्रीन कार्ड मिल सकता है।

EB-5 वीज़ा प्रक्रिया में देरी क्यों हो रही है?

अब सवाल यह उठता है कि भारतीयों को इस वीज़ा के लिए और ज्यादा इंतजार क्यों करना पड़ेगा? इसका मुख्य कारण है वीज़ा रेट्रोग्रेशन

असल में, हर देश के लिए इस वीज़ा की एक सीमित संख्या तय की जाती है। यदि किसी देश से बहुत ज्यादा आवेदन आ जाते हैं, तो उन आवेदनों की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसे वीज़ा बैकलॉग कहते हैं।

इस वीज़ा प्रक्रिया में देरी के मुख्य कारण:

  • अधिक आवेदन: भारतीय निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिसके कारण अब और लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
  • वार्षिक कोटा: हर देश के लिए एक निश्चित संख्या में वीज़ा जारी करने की सीमा होती है, और भारत के लिए यह सीमा पहले ही पार हो चुकी है।
  • यूएस सरकार की प्राथमिकताएँ: कुछ अन्य श्रेणियों के वीज़ा को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे EB-5 वीज़ा की प्रक्रिया धीमी हो रही है।

ब्लॉक हो चुके आवेदन – क्या करें?

अगर आपने पहले ही EB-5 वीज़ा के लिए आवेदन कर दिया है, तो यह जानना जरूरी है कि आपका आवेदन ‘रेट्रोग्रेस्ड’ यानी रुका हुआ हो सकता है। इसका मतलब है कि यूएस सरकार अभी नए वीज़ा जारी नहीं कर रही और आपको अपनी बारी के लिए इंतजार करना होगा।

इस समस्या से कैसे निपटें?

  • अन्य वीज़ा विकल्पों को देखें: आप H-1B वीज़ा, L-1 वीज़ा या EB-2 वीज़ा जैसे अन्य विकल्पों की जांच कर सकते हैं।
  • डायरेक्ट EB-5 इन्वेस्टमेंट पर विचार करें: कुछ मामलों में, ‘डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट’ करने पर प्रक्रिया जल्द पूरी हो सकती है।
  • नए नियमों और बुलेटिन पर नजर रखें: अमेरिकी सरकार हर महीने वीज़ा बुलेटिन जारी करती है, जिससे आपको अपने आवेदन की स्थिति का पता चलता रहेगा।

क्या देरी का कोई स्थायी समाधान है?

हालांकि, इस देरी से कई भारतीय निवेशकों को परेशानी हो रही है, लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे इस समस्या को कम किया जा सकता है।

संभावित समाधान:

  • अमेरिकी कांग्रेस कोटे में बदलाव करे: यदि अमेरिकी सरकार EB-5 वीज़ा की संख्या बढ़ा देती है, तो देरी काफी हद तक कम हो सकती है।
  • फास्ट-ट्रैक विकल्प मिले: कुछ मामलों में, यदि निवेशक कुछ विशेष क्षेत्रों में निवेश करें, तो उनका आवेदन तेज गति से आगे बढ़ सकता है।
  • आवेदकों को प्राथमिकता दी जाए: अगर कुछ विशेष परिस्थितियों वाले निवेशकों को प्राथमिकता मिल जाए, तो यह बैकलॉग कम हो सकता है।

नए निवेशकों को क्या करना चाहिए?

यदि आप अब EB-5 वीज़ा के लिए आवेदन करने की सोच रहे हैं, तो आपको समय और प्रक्रिया को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है।

महत्वपूर्ण टिप्स:

  • अच्छे इमिग्रेशन वकील से सलाह लें: किसी अनुभवी EB-5 वकील से सलाह लेना बहुत जरूरी है ताकि आप सही निर्णय ले सकें।
  • डायरेक्ट बनाम रीजनल सेंटर इन्वेस्टमेंट पर विचार करें: यदि आप सीधे कारोबार में निवेश कर सकते हैं, तो आपकी प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सकती है।
  • किसी और वीज़ा विकल्प पर भी सोचें: यदि आपको जल्दी अमेरिका जाना है, तो अन्य वीज़ा विकल्पों पर भी ध्यान दें।

निष्कर्ष

EB-5 वीज़ा भारतीय नागरिकों को अमेरिका में स्थायी निवास पाने का एक बेहतरीन जरिया देता है, लेकिन वीज़ा बैकलॉग और रेट्रोग्रेशन जैसी समस्याओं के कारण अब इसमें देरी हो रही है।

यदि आप पहले से ही आवेदन कर चुके हैं, तो धैर्य बनाए रखें और आगामी अमेरिकी वीज़ा बुलेटिन पर नजर रखें। और अगर आप अब निवेश करना चाहते हैं, तो पूरी योजना और रणनीति बनाकर आगे बढ़ें।

अंत में, यह ध्यान रखें कि अमेरिका जाने के कई रास्ते हैं, और सही जानकारी एवं विशेषज्ञों की मदद से आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं!

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